रिपल कंपनी के सीईओ ब्रैड गार्लिंगहाउस ने हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की। यह बैठक फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में हुई। ब्रैड ने इस मुलाकात को “2025 की अच्छी शुरुआत” बताया है। इस खबर से यह लग रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं।
इस मुलाकात से यह साफ है कि रिपल अब अमेरिका में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। कंपनी का मकसद क्रिप्टोकरेंसी को लोगों के बीच और ज्यादा लोकप्रिय बनाना है ताकि यह हर किसी के लिए आसान और फायदेमंद हो सके।
अमेरिका पर रिपल का ध्यान क्यों बढ़ रहा है
पिछले कुछ सालों में रिपल का ज्यादा फोकस विदेशों में था। लेकिन अब कंपनी ने अपनी दिशा बदल ली है। आज रिपल की 75% नौकरियां अमेरिका में हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कंपनी ने अमेरिका में जितने समझौते किए हैं वे पहले से कहीं ज्यादा हैं। इससे पता चलता है कि रिपल अब अमेरिकी बाजार में नए मौके खोजने में जुटा है।
ट्रम्प और क्रिप्टोकरेंसी का कनेक्शन
ब्रैड गार्लिंगहाउस का मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से क्रिप्टोकरेंसी के लिए अच्छे अवसर आ सकते हैं। उन्होंने इसे “ट्रम्प का असर” कहा है। उनका कहना है कि अगर ट्रम्प सही फैसले लेते हैं तो क्रिप्टो इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ सकती है।
अगर ट्रम्प का प्रशासन क्रिप्टोकरेंसी के लिए सही कदम उठाता है, तो 2025 इस इंडस्ट्री के लिए बहुत फायदेमंद साल हो सकता है। इससे रिपल जैसी कंपनियां और आगे बढ़ेंगी और आम लोगों को भी निवेश से बड़ा फायदा हो सकता है।
डोनाल्ड ट्रम्प और ब्रैड गार्लिंगहाउस की यह मुलाकात क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को एक नई दिशा दे सकती है। अगर ट्रम्प क्रिप्टोकरेंसी के समर्थन में सही कदम उठाते हैं तो यह रिपल और दूसरी कंपनियों के लिए एक बड़ा मौका होगा। साथ ही, निवेश करने वाले लोगों के लिए भी यह फायदेमंद साबित हो सकता है।
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