इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3) के नतीजों में 4.6% की वृद्धि के साथ ₹6,806 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछली तिमाही में ₹6,506 करोड़ था। कंपनी का राजस्व ₹41,764 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही के ₹40,986 करोड़ से 2% अधिक है। हालांकि, इन सकारात्मक नतीजों के बावजूद, इन्फोसिस के शेयरों में गिरावट देखी गई।
शेयर मूल्य में गिरावट
16 जनवरी 2025 को नतीजों की घोषणा के बाद, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में इन्फोसिस के अमेरिकी डिपॉजिटरी रसीद (ADR) में 5.77% की गिरावट आई, जिससे यह $21.57 पर बंद हुआ। इसका प्रभाव भारतीय बाजार में भी देखा गया, जहां बीएसई पर इन्फोसिस के शेयर 4.9% तक गिरकर ₹1,832.00 प्रति शेयर पर आ गए।
अमेरिकन डिपॉजिटरी रसीद (ADR) एक ऐसा माध्यम है, जिससे विदेशी कंपनियां अमेरिकी स्टॉक मार्केट में अपने शेयरों की तरह व्यापार कर सकती हैं। ADR में गिरावट से संकेत मिलता है कि अमेरिकी निवेशक कंपनी के नतीजों से संतुष्ट नहीं हैं, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है।
विश्लेषकों की राय
Emkay Global Financial Services के वरिष्ठ विश्लेषक दीपेशकुमार मेहता के अनुसार, इन्फोसिस ने Q3 में उम्मीद से बेहतर राजस्व वृद्धि दिखाई है। उन्होंने बताया कि मांग स्थिर बनी हुई है, और लागत अनुकूलन खर्च को बढ़ा रहा है। हालांकि, चौथी तिमाही में मौसमी प्रभाव और कम कार्य दिवसों के कारण 0.6% से 2.5% की गिरावट का अनुमान है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने स्थिर मुद्रा राजस्व वृद्धि के अनुमान को 4.5% से 5% तक बढ़ा दिया है, जो पहले 3.75% से 4.5% था। साथ ही, ऑपरेटिंग मार्जिन गाइडेंस को 20% से 22% पर स्थिर रखा गया है। कंपनी का मानना है कि डील पाइपलाइन में सुधार जारी रहेगा, और डील विन्स और पाइपलाइन पर कंपनी का भविष्य निर्भर करेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी को निवेश सलाह के रूप में न लिया जाए। निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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